महाकोशल विज्ञान परिषद्, राष्ट्रीय संगठन विज्ञान भारती की महाकोशल क्षेत्र के लिए प्रांतीय इकाई है। महाकोशल क्षेत्र भौगोलिक रूप से मध्य प्रदेश के मध्य भाग में स्थित है और इसमें चार संभाग हैं- जबलपुर, सागर, रीवा, और शहडोल। विक्रम संवत 2063 (ई. सन् 2006) में अपने पंजीकरण के बाद से, महाकोशल विज्ञान परिषद् ने पिछले दो दशकों में महाकोशल प्रांत में अपनी उपस्थिति स्थापित की है।
महाकोशल विज्ञान परिषद् की स्थापना का उद्देश्य उचित वैज्ञानिक अनुप्रयोगों और उपयुक्त प्रौद्योगिकी के प्रभावी हस्तक्षेप के माध्यम से क्षेत्र के समग्र विकास के लिए कार्य करना है| महाकोशल विज्ञान परिषद् का लक्ष्य स्वदेशी विज्ञान के सिद्धांतों और भूमिका का प्रचार-प्रसार करना और साथ ही जमीनी और प्रयोगशालीन अनुसंधान दोनों स्तरों पर विज्ञान को लोकप्रिय बनाना है।
स्वदेशी विज्ञान के विकास के लिए एक जीवंत आंदोलन के रूप में
स्वदेशी भावना के साथ एक गतिशील विज्ञान आंदोलन के रूप में, एक ओर पारंपरिक और आधुनिक विज्ञानों को, तथा दूसरी ओर प्राकृतिक और आध्यात्मिक विज्ञानों को आपस में जोड़ना
राष्ट्रीय आवश्यकताओं के अनुरूप आधुनिक विज्ञान के साथ एक स्वदेशी आंदोलन के रूप में।